आज में आपको बताने वाली हूं । ई-मेल अकाउंट क्या है ?, और साथ में बताऊंगी । ई-मेल से रिलेटिड कुछ जानकारियां - सुविधाओं के बारे मे ।
तो चलिये शुरू करती हूं...
E-Mail kya hai - ई-मेल क्या है ?
Email :- ईमेल या इलॅक्ट्रॉनिक मेल एक इंटरनेट के माध्यम से किसी कंप्यूटर या अन्य उपकरण द्वारा पत्र भेजने का एक तरीका है । जिस तरह से हम डाक के माध्यम से एक पत्र भेजते हैं उसी तरह ईमेल भी पत्र भेजने का एक आधुनिक रूप है ।
देखा जाए तो कार्यालयों, अदालतों, स्कूलों, कॉलेजों आदि जगहों पर Email के मध्यम से सूचना भेजने तथा प्राप्त करने का संसाधन बना हुआ है ।
- वैसे तो ई-मेल की तुलना डाक व्यवस्था से की जा सकती है । क्यो कि यह कागज पर लिखी गई चिट्ठी के समान ही होता है ।लेकिन ई-मेल की सुविधा प्राप्त करने के लिए प्रत्येक उपभोक्ता का एक ई-मेल एड्रेस ( E-mail address ) होता है जिसे ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर के पास ईमेल खाता खोलकर प्राप्त किया जा सकता है ।
फ्रैंड्स ध्यान दे : ई-मेल के बारे में ज्यादा बताने से पहले मैं आपको बता देती हूं । ई-मेल पता ( E-Mail Address ) क्या होता है ।
E-Mail क्या है ? |
ईमेल पता क्या होता है ?
ई-मेल पता : ई-मेल एड्रेस को ई-मेल सर्वर पर अपना Account खोलकर प्राप्त किया जा सकता है । ई-मेल सेवा में प्रत्येक उपयोगकर्ता का एक विशेष ( Unique ) ई-मेल एड्रेस होता है ।
- ई-मेल अकाउंट खोलते समय उपयोगकर्ता अपना User Name चुनता है । अगर वह User Name पहले से प्रयोग में होता हैं तो ई-मेल सर्विस प्रोवाइडर कोई अन्य username चुनने का विकल्प देता हैं ।
👉 अब आप कहेंगे ।
User Name क्या होता है ।
- User name एक तरह का प्रश्न होता है जो हमे ईमेल मैं लॉगिन करने पर बताना पड़ता है और उत्तर में हमे एक पासवर्ड डालना होता हो जो कि हमने आईडी बनाते समय बनाया था ।
- मुख्य रूप से याद रखने के लिए User name को अपने नाम से ही बनाया जाता है ताकि भूल न जाए ।
नोट : उपयोगकर्ता अपने ई-मेल एड्रेस तथा पासवर्ड का प्रयोग करके ईमेल सर्वर से जुड़ता है जिसे लॉग इन ( Login ) कहते हैं । इसके बाद हम दिए गए ई-मेल एड्रेस पर संदेश (E-mail) भेज सकते हैं ।
ध्यान दे :- इंटरनेट पर ई-मेल द्वारा संदेश भेजने के लिए SMTP ( Simple Mail Transfer Protocol ) का प्रयोग किया जाता है जबकि संदेश प्राप्त करने के लिए POP ( Post Office Protocol ) का प्रयोग किया जाता है ।
ईमेल का आविष्कार किसने किया ?
ई-मेल के विकास का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक रे टॉमलिंसन ( Ray Tomlinson ) को जाता है ।
अब जानते हैं
👉 ई-मेल के रिलेटिड कुछ जानकारिया ।
- ई-मेल का पुरा नाम Electronic Mail है ।
- ई-मेल Client Server Model पर काम करता है ।
- ई-मेल संदेश को, एक साथ या एक से अधिक व्यक्तियों को भेजा जा सकता है ।
- ई-मेल संदेश के साथ टेक्स्ट, फोटो, ऑडियो या वीडियो फाइल संकलन ( अटैच ) करके भेजा जा सकता है जिसे Attachments (अटैचमेंट) कहते हैं।
- ई-मेल के विकास का श्रेय अमेरिकी वैज्ञानिक रे टॉमलिंसन ( Ray Tomlinson ) को जाता है ।
- ई-मेल ( Electronic Mail ) इंटरनेट पर कम खर्च में तीव्र गति से मैसेज भेजने या प्राप्त करने का एक लोकप्रिय साधन है ।
- ई-मेल सर्वर प्रत्येक ई-मेल खाताधारी को एक निश्चित मेमोरी प्रदान करता है जिसे मेल बॉक्स ( Mail Box ) कहा जाता है
- ई-मेल सेवा भेजे गए संदेश को प्राप्तकर्ता के मेल बॉक्स में डाल देता है । इस प्रकार संदेश पाने के लिए प्राप्तकर्ता का तत्काल कंप्यूटर पर उपस्थित होना आवश्यक नहीं है ।
- ई-मेल प्राप्तकर्ता अपनी सुविधा अनुसार इंटरनेट के जरिए संदेश को सर्वर से डाउनलोड किए बिना अपनी मेल बॉक्स खोल कर संदेश को पड़ सकता है ।
नोट : भेजे गए ई-मेल की एक कॉपी भेजने वाले की ई-मेल अकाउंट पर भी उपलब्ध होता है जिसे बाद में देखा (View), परिवर्तित (Edit), किया पुन: भेजा (Forward) या डिलीट (Delete) किया जा सकता है ।
👉 अब बताती हूं....
ई-मेल द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं
1. ई-मेल एड्रेस ( E-Mail Address )
- ई-मेल एड्रेस को ई-मेल सर्वर पर अपना Account खोलकर प्राप्त किया जा सकता है । और किसी अन्य व्यक्ति के ई-मेल एड्रेस पर सन्देश को भेजा जा सकता है ।
2 एड्रेस बुक ( Address Book )
- ई-मेल सेवा में बने एड्रेस बुक में जरूरत पड़ने पर ईमेल एड्रेस को डाला जाता है ताकि उस व्यक्ति को मेल भेजा जा सके । एड्रेस बुक में स्टोर किए गए ईमेल एड्रेस को दोबारा टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ती ।
3 मेलिंग लिस्ट ( Mailing List )
- यह ई-मेल की एक विशेषता है इसके द्वारा कोई भी संदेश कई लोगों को एक साथ भेजा जा सकता है । मेलिंग लिस्ट में प्राप्तकर्ताओ की ई-मेल ऐड्रेस स्टोर रहते हैं । जब किसी संदेश को मेलिंग लिस्ट में भेजा जाता है तो ईमेल सर्वर उस संदेश को मेलिंग लिस्ट में उपलब्ध कराता है ।
4. कार्बन कॉपी ( Carbon Copy - cc )
- इस ई-मेल सेवा में बने एड्रेस बुक में जरूरत पड़ने पर ( एक या एक से अधिक व्यक्तियों को सूचनाओ को भेजने के लिए उस व्यक्ति का ईमेल एड्रेस कार्बन कॉपी (cc) कॉलम में लिखा जाता है । कार्बन कॉपी बॉक्स में अंकित पते पर ईमेल पाने वाला यह जान सकता है कि उसके अतिरिक्त और किस-किस पते पर भेजा गया है ।
5. ब्लाइंड कार्बन कॉपी ( Blind Carbon Copy - bcc )
- यह कार्बन कॉपी (cc) के समान ही होता है । cc और bcc में अंतर यह है कि कार्बन कॉपी द्वारा भेजे गए संदेश में प्राप्तकर्ता को यह पता होता है कि यह संदेश अन्य किन किन लोगों को भेजा गया है । दूसरी तरफ ब्लाइंड कार्बन कॉपी ( bcc ) में प्राप्तकर्ता को यह पता नहीं चल पाता कि यह संदेश अन्य किन किन व्यक्तियों को भेजा गया है ।
6. सबजेक्ट ( Subject )
- इस ई-मेल सेवा में बने स्थान पर हम भजने वाले संदेश के Subject ( रीजन ) या में कहूंगी किस परपस से भेजा गया है उस की जानकारी लिख कर भेज सकते है ।
7. अटैचमेंट ( Attachment )
- किसी ईमेल के साथ टेक्स्ट, टेबल, ग्राफिक्स, ऑडियो या वीडियो युक्त किसी फाइल को जोड़ कर भेजा जा सकता है जिसे अटैचमेंट ( Attachment ) कहते हैं । ये ई-मेल विंडो में पेपर क्लिप के चित्र वाला आइकन ( Icon ) होता है जिस पर क्लिक करने से अटैचमेंट डायलॉग बॉक्स ( Attachment Dialogue Box ) खुलता है । इसमें अटैच किए जाने वाले फाइल का नाम तथा मेमोरी में उसका लोकेशन डालने पर वह फाइल ई-मेल के साथ जुड़ जाती है । जिस ईमेल के साथ कोई अटैचमेंट होता है उसके साथ एक पेपर क्लिप का आइकन बना रहता है ।
8. सिग्नेचर ( Signature )
- ई-मेल संदेश के अंत में कोई विशेष सूचना या अभिवादन ( फोन नंबर, यूजर नेम, ई-मेल एड्रेस आदि जोड़ी जा सकती है जिसे सिग्नेचर ( Signature ) कहा जाता है । ई-मेल के सिग्नेचर आइकन में पेन का चित्र बना होता है । इस पर क्लिक करने से संदेश के साथ सिग्नेचर स्वयं जुड़ जाता है । यह ईमेल संदेश को सुंदर स्वरूप प्रदान करता है ।
फ्रैंड्स
आज के इस Lesson में आपने देखा पढ़ा और समझा कि ईमेल क्या है ईमेल की छोटी छोटी बातों को बता कर मुझे बहुत खुशी हुई ऐसे ही नई अपडेट के साथ आती रहूंगी । आपको बताती रहूंगी ।
Thanku For Comment