हाय फ्रैंड्स
Good Morning मैं पूजा आपका एक बार फिर से स्वागत करती हूं, हमारे और आपके अपने ब्लॉग में ।
आज के इस Lesson में । मै आपको बताने जा रही हूं कि जो इंटरनेट का उपयोग, प्रयोग या इस्तेमाल हम अपने फ़ोन या कंप्यूटर पर करते है वो इंटरनेट कहा से आता है ?, और उस इंटरनेट पर कौन काम करता है ?
फ्रैंड्स इंटरनेट को आधुनिक मानव इतिहास का सबसे बड़ा आविष्कार कहना गलत नहीं होगा ।
- आज के समय में इंटरनेट ने पूरी दुनिया को मुट्ठी में कर लेने की ताकत दी है । ऐसा लगता है फ्रैंड्स मानो पूरी दुनिया कंप्यूटर, लैपटॉप और फ़ोन में समा गई हो ।
- आप अपने फोन पर एक क्लिक करके दुनिया के किसी भी कोने में बैठे किसी भी व्यक्ति से संपर्क कर सकते हैं । किसी भी देश में होने वाली घटनाओं के बारे में पढ़ सकते हैं या उन्हें देख सकते हैं ।
- लेकिन क्या आपने कभी सोचा है ? कि बिना तार के आप के स्मार्टफोन तक इंटरनेट कैसे पहुंचता है ? अगर आप नही जानते ।
तो चलिए बताती हूं...
Where Does The Internet Come From - इंटरनेट कहा से आता है
दरअसल, फ्रैंड्स समुद्र और महासागर में कई किलोमीटर लंबी केबल बिछाई गई है । इन्हीं केबल के रास्ते हम तक पहुंचता है । Internet
समुद्र के रास्ते आप तक पहुंचता है इंटरनेट, जानिए महासागरों में बिछाई गई है इतनी लंबी केबल
कई लोगों को लगता है कि इंटरनेट बादलों के रास्ते हम तक पहुंचता है लेकिन यह गलत है ।
- पानी के अंदर केबल बिछाने की गूगल की परियोजना से जुड़े जेने स्टोवेल बताते हैं कि '' इंटरनेट छोटे-छोटे कोड का समूह है जो समुद्र में बिछी केबल के जरिये हम तक पहुंचता हैै ।
- बाल से भी पतली तारो की मदद से इंटरनेट को दुनिया के एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में बमुश्किल उतना ही समय लगता है जितना कि आपको एक शब्द पढ़ने में ।
Note :- दुनियाभर को इंटरनेट से जोड़ने के लिए महासागरों में करीब 12 लाख सात हजार किलोमीटर लंबी केबल बिछाई गई है ।
महासागरों ( समुद्र ) के रास्ते बिछाई गई है इंटरनेट की इतनी लंबी केबल जानिए कैसे और क्यों ?
कैसे बिछाए जाते हैं समुद्र के नीचे इंटरनेट के तार
फ्रैंड्स दरअसल होता ये है कि समुद्र में बोट ( जहाज़ ) के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर ये तार के जाल बिछाए जाते है ।
समुद्र के नीचे बिछे केबल |
दुनियाभर में नेटवर्क समुद्र के नीचे बिछे केबल के जरिए पहुंचते है ।
- समुद्र के इस जाल के जरिए हमे इंटरनेट कनेक्शन, स्पीड और डेटा ट्रांसफर जैसी सुविधाएं मिलती हैं ।
- जिस केबल को आप देखते हैं वो इस प्रोसेस का एक छोटा सा हिस्सा है । लेकिन नेटवर्क पहुंचाने का बड़ा रोल समुद्र में बिछे केबल का होता है । जो दुनिया को एक दूसरे से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.।
समुद्र के नीचे गहराई में |
समुद्र के नीचे बहुत गहराई में मौजूद तल को खोदकर उसके नीचे ये तार बिछाए जाते हैं. ये तार ऑप्टिकल फाइबर के होते हैं जिनसे संचार की स्पीड बहुत तेज और क्वालिटी स्पष्ट होती है. इन केबिल्स को 'सबमरीन कम्युनिकेशन केबिल्स' कहते हैं.।
- इनकी मोटाई 17 मिमी होती है और इन्हें समुद्र में माउंट एवेरस्ट की ऊंचाई जितनी गहराई में लगाया जाता है ।
- एक खास तरह की नावें, जिन्हें केबिल लेयर्स कहा जाता है उनके जरिए इन तारों को नीचे फिट किया जाता है यह एक लंबा टिकाऊ और बहुत महंगा काम होता है ।
कितनी पुरानी है ये टेक्नोलॉजी
फ्रैंड्स अगर आप सोच रहे हैं कि यह टेक्नोलॉजी इंटरनेट युग की देन है तो ये आपकी एक गलतफहमी है समुद्र के नीचे सबसे पहले तार साल 1854 में टेलेग्राफ के बिछाए गए थे ।
- कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार पहली बार समुद्र में केबल को सन् 1854 में बिछाया गया जो न्यूफाउंडलैंड और आयरलैंड के बीच एक टेलिग्राफ केबल के तौर पर बिछाया गया था ।
- न्यूफाउंडलैंड और आयरलैंड के बीच इन तारों को बिछाने में 4 साल का समय लगा था. इन तारों के जरिए पहली बार भेजा गया सिग्नल 5 मिनट का था ।
- आज लगभग 99 प्रतिशत दुनिया में डाटा ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन इन केबल के जरिए ही होता है जिसे सबमरीन कम्यूनिकेशन भी कहा जाता है ।
- ये केबल दुनिया की बड़ी – बड़ी कंपनियां जैसे गूगल और माइक्रोसॉफ्ट आदि कंपनियों द्वारा बिछाया गई है माना जाता है कि सैटेलाइट सिस्टम के मुकाबले सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल डाटा ट्रांसफर के लिए काफी सस्ते पड़ते हैं. जिसका नेटवर्क भी फास्ट होता है ।
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दुसरी बार इंटरनेट केबल से जुड़े थे अमेरिका व ब्रिटेन
सन् 1858 में दुसरी बार अटलांटिक महासागर में बिछाई गई केबल के जरिये अमेरिका व ब्रिटेन को इंटरनेट से जोड़ा गया था । उस वक्त डाटा को ट्रांसमिट होने में करीब 16 घंटे का समय लग जाता था । उसके बाद के दशकों में तेजी से सेटेलाइट और वायरलेस तकनीकों का विकास हुआ । इनके इस्तेमाल से अब एक सेकेंड से भी कम समय में किसी भी डिवाइस पर डाटा ट्रांसमिट हो जाता है ।
एक दिन में कितने केबल बिछाए जाते हैं ?
एक दिन में लगभग 100- 200 किमी केबल बिछाए जाती हैं जिसकी चौड़ाई लगभग 17 मिलीमीटर होती है जो हजारों किमी लंबी होती हैं जिन्हें ‘केबल लेयर्स’ के जरिए समुद्र की सतह पर बिछाया जाता है ।
- केबल को हाई प्रेशर वाटर जेट तकनीक की मदद से समुद्र की सतह के अंदर गाड़ दिया जाता है. ताकि अन्य समुद्री जीव और सबमरीन को नुकसान ना पहुंचे ।
- केबल कहां से कटा है इसका पता लगाने के लिए रोबॉट्स को भेजा जाता है ।
इंटरनेट की समस्या ( इंटरनेट केबल को खतरा )
फ्रैंड्स आप देखते होंगे कि जिस कंपनी का नेटवर्क आप इस्तेमाल कर रहे कभी- कभी उसमें समस्याएं उत्पन्न हो जाती है । वो समस्याएं निम्न लिखित प्रकार से होती है।
- दरअसल ये समस्याएं समुद्री तूफान के चलते केबल में गड़बड़ी के कारण होती है ।
- कभी -कभी केबल में वेव के कारण इस तरह की समस्याएं उत्पन्न होती है ।
- कई बार समुद्री शार्कों द्वारा इन केबल्स को चबाने के कारण भी ऐसी दिक्कत आती हैं इसलिए अब केबल्स के ऊपर शार्क-प्रूफ वायर रैपर का इस्तेमाल किया जाता है.।
- इसके अलावा कई बार समुदी जहाजों और लंगर फेंके जाने से भी इस तारों को कटने-फटने का खतरा बना रहता है ।
- इस तरह से हर दूसरे दिन इन 428 केबिल्स में कुछ ना कुछ नुक्सान होता ही रहता है । इसका पता लगाने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल किया जाता है ।
इंटरनेट केबल की उम्र कितनी होती है ?
इंटरनेट की केबल को प्राकृतिक आपदा से बचाने की पूरी व्यवस्था की जाती है । इसके बावजूद पानी के तेज बहाव, भूकंप आदि से उनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका रहती है ।
- हर सबमरीन केबिल की उम्र 25 साल होती है । उसके बाद वो किसी काम के नहीं होते और उन्हें 'डार्क केबिल्स' कहा जाता है ।
- लेकिन समय के साथ इंटरनेट की स्पीड और मांग भी तेजी से बढ़ी है इसके लिए कुछ नई तकनीकों पर रिसर्च जारी है.।
फोन तक कैसे पहुंचता है इंटरनेट ?
सबसे पहले फैक्टरीओ से केबल ( तारों ) को इकट्ठा किया जाता है । केबल को कहां बिछाया जाना है इसका ध्यान रखते हुए उसे प्लास्टिक या स्टील के खोल से ढका जाता हैै ।
- समुद्र में केबल बिछाने का काम पूरा होने पर डाटा प्रकाश की गति से उन तारों से गुजरकर जमीन पर स्थित नेटवर्क या सेटेलाइट से संपर्क बनाता है । इन्हीं नेटवर्क या सेटेलाइट की मदद से हम इंटरनेट का इस्तेमाल कर पाते हैं ।
इंटरनेट पर काम कौन करता है ?
फ्रैंड्स जब हम किसी भी जानकारी इमेज या video को हमारे ब्राउज़र में Search करते है तो
- ये Request पहले हमारे Internet Service Provider के पास जाती है वो उसे Net Provider Server पर Search करता है ।
- इसके बाद Server उस जानकारी को Internet Provider को भेजता है ।
- और फिर Internet Provider उस जानकारी को हमें भेजता है ।
फ्रैंड्स
आज के इस Lesson में । मैने आपको इंटरनेट के बारे मे विस्तार से जानकारी दी । कि इंटरनेट कहा से आता हैै ?, इंटरनेट कैसे काम करता है ?, और भी छोटी-छोटी बातों को बता कर मुझे बहुत खुशी हुई । आगे भी आपके लिए इसी प्रकार की नई जानकारी लाती रहूंगी और आपसे मिलती जुलती रहूंगी ।
Thanku For Comment